जहां चाह.. वहां शाह: तोता बन गया बाज़

जहां चाह वहां शाह…मोदी स्टाइल राजनीति का ये नया नारा है! 370 हटने के बाद कईयों का इसमें यकीन बढ़ा है और कईयों की शंका। ताजा मसला पी चिदंबरम की गिरफ्तारी का है। हालांकि चिदंबरम और कांग्रेस ने खुद भी इसे फुल ड्रामा बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी, लेकिन CBI और ED जितना मसाला डाल सकती थीं, उतना डाला। ऐसे, कि खुश्बू और जायका सदियों तक याद रखा जाए। भ्रष्टाचार के मामले में इस तरह की गिरफ्तारी साल 2001 में करुणानिधि की याद दिलाती है। देर रात पौने दो बजे उन्हें घर से घसीटकर गिरफ्तार किया गया था। हालांकि तुलना की जाए तो ये ग़िरफ्तारी फिर भी सभ्य थी। जिस तरह का माहौल बना है, उससे तो ये लगता है कि जो काम साउथ में स्वर्गीय जयललिता और करूणानिधि, नॉर्थ में मायावती और मुलायम सिंह यादव के बीच स्टेट लेवल पर हुआ करता था, वही खेल राष्ट्रीय स्तर पर हो रहा है। क्योंकि लोग तो कह रहे हैं जब चिदंबरम गृह मंत्री थे, उन्होंने अमित शाह को उठवा लिया था, अब अमित शाह गृह मंत्री हैं तो उन्होंने अपना बदला ले लिया!

जोरबाग में जब CBI की टीम ने ज़ोर लगाया तो लगा कि CBI के अधिकारियों से ज्यादा तो चैनलों के रिपोर्टर खड़े हैं। खैर अगले सीन में CBI ने दिल्ली पुलिस से और फोर्स मंगा ली। एक दफा तो मुझे लगा कि भावावेश में आकर कोई रिपोर्टर ख़ुद भी CBI के अधिकारियों के साथ दीवार ना फांद जाए, क्योंकि हड़बड़ी में गड़बड़ी की अपार संभावनाएं होती हैं। आजतक में चिदंबरम की खबर सुबह से ही महती परियोजना की तरह चल रही थी। शाम होते-होते खबर ने पेस पकड़ा तो रिपोर्टरों ने भी अपना-अपना स्पेस पकड़ लिया। रिले रेस की तरह अंजना, अंजना के बाद श्वेता और श्वेता के बाद रोहित को कमान दी गई और चैनल के बड़े चेहरे कांग्रेस दफ़्तर से लेकर चिदंबरम के घर के बाहर तक तैनात रहे। 

रिपब्लिक TV ने आरोप आरोपी जैसी तमाम कानूनी पेचीदगियों को दरकिनार करते हुए चैनल में बड़ा-बड़ा चस्पा किया, ‘घोटालेबाज चिदंबरम गिरफ्तार’ और चिदंबरम साब के गिरफ्तार होते ही रिपब्लिक TV की एंकर और रिपोर्टर की रगों में अजब सा जोश दौड़ गया। रिपब्लिक TV की रिपोर्ट के मुताबिक़, उनका रिपोर्टर घोटालेबाज चिदंबरम के साथ-साथ चलता रहा। ABP ने भी चिदंबरम की गाड़ी के साथ-साथ अपनी गाड़ी के कारणों को चलाना बड़ी उपलब्धि माना और बताया भी। Zee पर सुधीर चौधरी, चिदंबरम के बहाने कांग्रेस का Bail-वृक्ष बना लाए और इशारा किया कि चिदंबरम सिर्फ झांकी हैं, अभी और कई बाक़ी हैं। न्यूज नेशन ने भी दीपक चौरसिया के साथ टू एंकर शो किया। न्यूज 24, न्यूज 18 जैसे तमाम अन्य चैनल दो-विंडो, चार-विंडो, छह-विंडो, यत्र-तत्र-सर्वत्र कह कहकर पी चिदंबरम की गिरफ्तारी की खबर को देर रात तक दिखाते रहे। कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने भी आसानी से चिदंबरम साहब की रवानगी नहीं होने दी। अगर ये हो जाता तो लोकतंत्र की हत्या कैसे होती! एक फिल्म आयी थी ‘चलो दिल्ली’, उसका किरदार हर बात पे कहता था-तो कौन सा बड़ी बात हो गयी? NDTV हमेशा ऐसी ही भूमिका में रहता है, अगर खबर उसके तेवर-कलेवर-फ्लेवर को मैच नहीं करती है तो NDTV के लिए चिदंबरम साहब की गिरफ्तारी मायने रखती है, सो वो तस्वीरें दिखाते रहे और चर्चा करते रहे डोनाल्ड ट्रंप के कश्मीर पर दिए बयान की और खबरों या बहस में जनता के विस्थापित होते मसलों की। वैसे अक्सर सरकारों पर यह तोहमत लगती है कि वो मुद्दे से भटका रही है। तो क्या दिन के बड़े मुदे को मुद्दा न बताना मुद्दे से भटकाना न हुआ? BJP भले इसे ‘सैक्रेड गेम’ कहे, लेकिन कांग्रेस इस गेम से ‘स्केयर्ड’ है। कांग्रेस को डर है कि मोदी ये न मान बैठें कि ‘अपुनईच कानून है’। ऐसा हुआ तो त्रिवेदी तक नहीं बचेगा! जो भी है टीवी के लिए ये एक्शन पैक्ड वीक है। चलते-चलते पेश हैं दो पंक्तियां तोता-तोता करते-करते जाने कब बाज बन गया, अमित शाह का कल चिदंबरम का आज बन गया!

Leave a Comment

Your email address will not be published.

बिहार के इन 2 हजार लोगों का धर्म क्या है? विश्व का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड कौन सा है? दंतेवाड़ा एक बार फिर नक्सली हमले से दहल उठा SATISH KAUSHIK PASSES AWAY: हंसाते हंसाते रुला गए सतीश, हृदयगति रुकने से हुआ निधन India beat new Zealand 3-0. भारत ने किया कीवियों का सूपड़ा साफ, बने नम्बर 1