हाल में जिस तरह से इजरायल ने ईरान के परमाणु बम पर चिंता जाहिर की है, उससे कुछ सवालों की पड़ताल जरूरी है। तो क्या सच में ईरान नाजी जर्मनी की तर्ज पर आगे बढ़ रहा है ? ईरान का परमाणु बम यहूदी राज्यों के लिए खतरनाक हो सकता है ? ईरान पर जिस तरह से अमेरिका और इजरायल एकजुट हुए हैं और उन्होंने दुनिया के नेताओं से उसके खिलाफ कार्रवाई करने का आह्वान किया है, उससे यह चिंता लाजमी है। इसके साथ यह भी देखेंगे कि शीत युद्ध की समाप्ति के बाद कैसे बदल गया मध्य एशिया का सामरिक समीकरण। सद्दाम के बाद अब मध्य एशिया में ईरान का जानी दुश्मन नहीं रहा इराक। अब उसकी लड़ाई सीधे इजरायल से है।
शीत युद्ध और खाड़ी युद्ध के बाद से मध्य एशिया के सामरिक समीकरण में बदलाव आया है। इस युग में ईरान और इराक आपसी युद्ध में उलझे रहे। लेकिन शीत युद्ध और सद्दाम हुसैन की सत्ता समाप्ति के बाद इस क्षेत्र की सामरिक स्थिति बदल चुकी है। ईरान और इराक युद्ध के खात्मे के बाद मध्य एशिया के समीकरण में बड़ा बदलाव आया है। सद्दाम के बाद इराक कमजोर हुआ है। वह स्पष्ट रूप से शिया-सुन्नी और कुर्द के बीच बंट गया है। ऐसे में मध्य एशिया में ईरान का सबसे घनघोर विरोधी इजरायल बन गया है। ऐसे में अमेरिका और इजरायल की यह चिंता लाजमी है। यह चिंता तब और बढ़ जाती है जब ईरान परमाणु बम विकसित करने में जुटा हो।
गुरुवार को इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने तेहरान की तुलना एक अत्याचारी से की है। उन्होंने कहा कि दुनिया को ईरान से सचेत हो जाना चाहिए। नेतन्याहू ने ईरान के खिलाफ कार्रवाई का आह्वान करते हुए इसकी तुलना नाजी जर्मनी और हिटलर से किया है। नेतन्याहू ने यरूशलम को राज्य और सरकार के 40 से अधिक प्रमुखों को एकत्र करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि ईरान जिस तरह से परमाणु हथियार विकसित कर रहा है, उससे यहूदी के साथ दुनिया के लिए खतरा उत्पन्न हो गया है। उन्होंने कहा कि उसका एक मात्र मकसद यहूदी राज्य को खत्म करना है।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने तंज कसते हुए कहा कि ईरान के परमाणु बम से दुनिया को बचाना संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के कंधों पर है। उन्होंने कहा कि परिषद के पांच स्थाई सदस्यों को इस सभ्यता की बचाने की चुनौती है। रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध के विजेता राष्ट्र संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य बन गए। रूसी राष्ट्रपति ने रूस को वैश्विक पावर ब्रोकर के रूप में आगे बढ़ाया है। उन्होंने वैश्विक अस्थिरता को खत्म करने के लिए विकसित मुल्कों के शिखर सम्मेलन पर जोर दिया।