तकनीक की चोरी कर परमाणु हथियार हासिल करने वाले पाकिस्तान ने एक बार फिर ऐसी की कोशिश की लेकिन इस वह रंगे हांथ पकड़ा गया। अमेरिका ने ऐसे 5 पाकिस्तानियों को पकड़ा है जो अमेरिकी तकनीक चोरी कर पाकिस्तान पहुंचाने की फिराक में थे। इन पांचों पाकिस्तानी रावलपिंडी स्थित ‘बिजनेस वल्र्ड’ कंपनी से जुड़े हुए हैं। पकड़े गए लोगों के नाम पाकिस्तान में रहने वाले मोहम्मद कामरान वली, कनाडा में रहने वाले मोहम्मद एहसान वली, हाजी वली मोहम्मद शेख, हांगकांग के रहने वाले अशरफ खान मोहम्मद और यूनाइटेड स्टेट्स इलफोर्ड एस्सेक्स के रहने वाले अहमद वहीद हैं। इन पर पाकिस्तान के न्यूक्लियर एंड मिसाइल प्रोग्राम के लिए अमेरिकन टेक्नॉलोजी के स्मग्लिंग का आरोप है।
अमेरिका के जस्टिस डिपार्टमेंट का कहना है कि ये सभी अपनी फ्रंट कंपनियों के लिए दुनियाभर से खरीद नेटवर्क चलाते हैं। इनकी फ्रंट कंपनियां अडवांस्ड इंजिनियरिंग रीसर्च ऑर्गनाइजेशन (एईआरओ) और पाकिस्तान ऐटमिक एनर्जी कमिशन (पीएईसी) के लिए अमेरिका में बने उत्पाद खरीदती है। यह कंपनी अमेरिका से सामानों का निर्यात बिना एक्सपोर्ट लाइसेंस के ही करवाती है जो अमेरिकी कानून का खुला उल्लंघन है। इन सभी पर इंटरनेशनल इमरजेंसी इकाॅनामिक पावर्स एक्ट और एक्सपोर्ट कंट्रोल रिफार्म एक्ट के उल्लंघन करने की साजिश का आरोप है।
राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अमेरिकी असिस्टेंट अटॉर्नी जनरल जॉन सी डेमर्स ने कहा, आरोपियों ने अमिरेका में निर्मित उत्पाद ऐसे संस्थानों को निर्यात किए जो अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हैं। क्योंकि इन संस्थानों के संबंध पाकिस्तान के हथियार कार्यक्रमों से है।
पाकिस्तान ने चोरी से परमाणु हथियार और बैलिस्टिक मिसाइल की तकनीक हासिल की है। ऐसा ही एक मामला आज से ठीक 16 वर्ष पूर्व पाकिस्तान का न्यूक्लियर स्मगलिंग और प्रॉलिफरेशन स्कैंडल पकड़ा गया था। तब पाकिस्तान वैज्ञानिक एक्यू खान ने कनाडा से परमाणु तकनीक चुराकर पाकिस्तान में न्यूक्लियर प्रोग्राम संचालित किया और पाक को परमाणु हथियार संपन्न देश बनाया। एक्यू खान ने डच कंपनी रेंको से सेंट्रीफ्यूज चुरा लिया था जिसके दम पर पाकिस्तान ने 1980 में परमाणु बम बना लिया। पाकिस्तान ने यह टेक्नॉलीज नॉर्थ कोरिया और चीन को भी बेच दी। खान ने लीबिया और ईरान को भी मदद की थी। तभी से पाकिस्तान न्यूक्लियर स्मगलिंग के जरिए अपने परमाणु हथियारों का जखीरा बढ़ाने में जुट हुआ है।