यूपी सरकार की अव्यवस्थाओं पर भड़के अखिलेश यादव, कहा- दे देना चाहिए त्यागपत्र

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने श्रमिकों को लेकर सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि यूपी में न तो श्रमिकों का पलायन रूक रहा है और न ही प्रशासन अपना दुर्भावनापूर्ण रवैया छोड़ पा रहा है। भूखे, प्यासे लोगों के पांवो में खून रिसने लगा है। तपती धूप में बच्चे बिलबिला रहे हैं और असहाय माँ-बाप रोटी और दूध भी नहीं जुटा पा रहे हैं। कानून व्यवस्था की स्थिति भी ठीक नहीं, आए दिन हत्याएं हो रही हैं।

Lockdown 4.0 के बाद हालात और बदतर हो गए है। मुख्यमंत्री को अब बिना देर किए त्यागपत्र दे देना चाहिए। ताकि कोई सक्षम उत्तराधिकारी प्रदेश को संकट से उबार सके। लोग खाने के पैकेट के लिए जूझ रहे हैं। वहीं भाजपाराज में गरीबों पर जुर्म हो रहे हैं। सरकार के एक मंत्री को मजदूरों को चोर डकैत बताते शर्म नहीं आई। जो श्रमिक प्रदेश की सीमा में आ गए हैं उनकी विवशता पर रहम करें। उन्हें घर पहुंचाने के नाम पर अपमानित न करे। उनके साथ मानवता दिखाते हुए राजधर्म का पालन करे। श्रमिक बुरी तरह चकरायें हुए हैं कि बसों की व्यवस्था कब, कहाँ और किसकी है। इस चक्कर में श्रमिकों की शामत आ गयी है। टीम-इलेवन को राज्य की सरकारी और प्राईवेट बसों की संख्या भी ठीक से पता नहीं है जबकि उत्तर प्रदेश में ही लगभग एक लाख बसें है। इनका उपयोग क्यों नहीं किया गया?

अखिलेश ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति का अंदाजा इसी से लगता है कि महाराष्ट्र से ट्रक में बैठकर आए मजदूरों से मोहनलागंज, लखनऊ में पहले पुलिस वालों ने 50 हजार रूपये मांगे फिर 15 हजार लिया। आगरा एक्सप्रेस-वे स्थित टोल प्लाजा पर पुलिस कर्मी आराम फरमाते रहे। ट्रक, टैंकर, डाला सब गुजरते रहे। दुर्घटनाओं में श्रमिक मर रहे है?। पंचायत में विवाद पर हत्याएं हो रही है। BJP सरकार की मनमानी, अव्यवहारिक और अदूरदर्शी नीतियों के चलते पूरा प्रदेश संकटग्रस्त हो गया है।

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