आम बजट से पहले सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एस. ए. बोबडे ने इनकम टैक्स अपीलेट ट्राइब्यूनल के 79वें स्थापना दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में टैक्स चोरी को लेकर बड़ी बात कही है। चीफ जस्टिस एस. ए. बोबडे ने कहा कि जहां टैक्ट की चोरी अपराध है तो वहीं सरकार द्वारा नागरिकों पर अधिक या मनमाना टैक्स लगाना भी समाज के प्रति अन्याय है। इसके साथ ही टैक्स पर बोलते हुए चीफ जस्टिस एस. ए. बोबडे ने कहा कि नागरिकों से टैक्स उसी तरह वसूला जाना चाहिए जैसे मधुमक्खी फूलों को नुकसान पहुंचाए बिना रस निकालती है। इसके अलावा कहा कि सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट और CESTAT में डायरेक्ट टैक्स से संबंधित मामलों की पेंडेंसी लगभग दो सालों में 61 प्रतिशत से घटकर 1.05 लाख हो गई है। आधिकारिक आंकड़ों की माने तो 30 जून, 2017 को सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट और CESTAT में अपील की कुल पेंडेंसी 2,73,591 थी, जबकि वो घटकर 31 मार्च, 2019 को 61 प्रतिशत की कमी के साथ 1,05,756 हो गई।
कार्यक्रम में टैक्स पर बोलते हुए जस्टिस बोबडे ने आगे कहा कि लोगों को इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि उनके ऊपर सरकार का कितना बकाया है और सरकार को भी ये पता होना चाहिए कि उसे लोगों से कितना टैक्स वसूलना है। यही एक जरिया है जिसे अपना कर हम टैक्स से जुड़े विवादों का तेजी से निपटारा कर सकते हैं। आपको बता दें सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एस. ए. बोबडे का ये बयान ऐसे समय में आया है जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण फरवरी को देश का आम बजट पेश करने वाली हैं।