कोरोनोवायरस से चीन में अब तक 41की मौत,भारत और यूरोप समेत 10 देशों में फैला

कोरोनावायरस के विश्व के 10 देशों में फैलने की पुष्टि हो चुकी है, कई देशों में इसके संदिग्ध मिल रहे हैं, इनमें भारत में भी दो संदिग्ध शामिल हैं। चीन में फैले वायरस की चपेट में एक भारतीय नागरिक प्रीति माहेश्वरी भी आ चुकी हैं। फ्रांस में भी कोरोना वायरस से संक्रमण के दो मामले सामने आए हैं, ऐसे में यूरोप में भी इसने दस्तक दे दी है।
वायरस फैलने से रोकने के लिए चीन ने अपने 15 शहरों के साढ़े 4 करोड़ नागरिकों के कहीं आने पर रोक लगा दी है। यह वायरस का खौफ है कि चीन की दीवार के एक हिस्से को बंद कर दिया गया है। यहां की सरकार ने अब तक 41 लोगों के मरने की पुष्टि की है, और प्रभावितों की संख्या 926 के करीब बताई है।

लंदन और अमेरिकी विशेषज्ञों के अनुसार प्रभावितों की संख्या 4 हजार से अधिक हो सकती है। वायरस के स्रोत चीन में ऐसे शहरों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है जहां लोगों के आवागमन पर रोक लगाई जा रही है।

शुक्रवार शाम तक इनकी संख्या 15 हो चुकी थी, इनमें 15 लाख की आबादी वाला शिनताओ, 5 लाख आबादी का चीबी, 24 लाख की आबाद का हुआंग्शी, 64 लाख की आबादी का झिंझाओ शहर प्रमुख हैं। यहां बस, ट्रेन, नौकाओं आदि से लेकर सभी सार्वजनिक यातायात बंद कर दिए गए हैं।

करीब 1.12 करोड़ की आबादी वाला हुबई राज्य का प्रमुख शहर वुहान सबसे ज्यादा प्रभावित बताया जा रहा है। अधिकतर शहरों में खाद्य पदार्थों और फार्मेसी के अलावा सभी तरह की दुकानें, प्रतिष्ठान और कारोबार बंद हो चुके हैं।

चीन के त्यौहार चंद्र नववर्ष की छुट्टियों में यात्रा कर रहे लाखों लोग अलग अलग शहरों में फंसे हुए हैं। प्राचीन समय में बाहरी आक्रमणों से देश की रक्षा के लिए बनाई गई चीन की दीवार के भी कुछ हिस्से को देश के आंतरिक हालात के चलते बंद कर दिया गया है।

बीजिंग के लामा मंदिर सहित कई मंदिरों को बंद कर दिया गया है ताकि लोग नए साल के लिए एक साथ न जुटें और संक्रमण रोका जाए। शंघाई का डिज्नीलैंड पार्क भी बंद कर दिया गया है, जहां रोजाना 1 लाख पर्यटकों को घुमाने की क्षमता है। नव वर्ष के लिए इसके सारे टिकट बिक चुके थे।

कोरोनावायरस के मरीज ऑस्ट्रेलिया (4), नेपाल (1), थाईलैंड (5), अमेरिका (2), ताइवान (1), जापान (2), दक्षिण कोरिया (2), वियतनाम (2), सिंगापुर (3), हांगकांग (2) और मकाऊ (2) आदि 10 देशों में मिल चुके हैं। यूके, भारत सहित कई देशों में संदिग्ध मिल रहे हैं। अकेले चीन में 900 से अधिक मरीज संक्रमित पाए गए हैं तो अन्य देशों में करीब 26 मरीजों का इलाज चल रहा है।

इसके बावजूद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अब भी दुनिया के लिए आपात स्थिति घोषित करने से शुक्रवार को इनकार कर दिया। उसने केवल चीन के लिए इसे आपात काल बताया। संगठन के अधिकारियों का कहना है कि अभी साफ नहीं है कि यह नया वायरस कितना खतरनाक है, यह जाने बगैर विश्व के लिए इसे चिंताजनक हालात नहीं कहा जा सकता।

फ्रांसीसी स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को घातक कोरोनावायरस के पहले दो मामलों की पुष्टि की, इनमें से एक व्यक्ति हाल ही में चीन से लौटा था। फ्रांस के स्वास्थ्य मंत्री एग्नेस बुजिन ने कहा कि फ्रांस के दो शहरों पेरिस और बोर्डेक्स में दो मामले सामने आए हैं। स्पुतनिक ने एक रिपोर्ट में चीन से फ्रांस लौटे संक्रमण से ग्रसित एक शख्स के 10 अन्य लोगों के संपर्क में आने की बात कही है।
पीड़ितों के इलाज के लिए विश्व में शोध तेज हो गया है। कुछ कंपनियों ने इसके लिए इबोला के इलाज को प्रयोग करने की सिफारिश की है। चीन ने ज्यादा जानकारियां न देते हुए केवल यह बताया है कि उनसे सेना के चिकित्सा विशेषज्ञों को वायरस से लड़ने की रणनीति बनाने का काम सौंपा है।

चीन से भारत लौटे 11 लोगों को कोरोना वायरस के शक में एयरपोर्ट से ही अस्पताल में भर्ती कराया गया है। डॉक्टर इनकी निगरानी कर रहे हैं। इनमें केरल के 7, मुंबई में 3 और हैदराबाद में एक व्यक्ति शामिल है। चीन से मुंबई लौटे दो व्यक्तियों के कोरोनावायरस से संक्रमित होने की आशंका के चलते उन्हें चिकित्सकों की निगरानी में यहां एक अस्पताल के अलग वार्ड में रखा गया है। इसके अलावा बेंगलूरू और हैदराबाद में भी 1-1 मामला सामने आया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि मुंबई हवाई अड्डे पर यात्रियों की स्वास्थ्य जांच के दौरान कोरोनावायरस के संक्रमण के मामले सामने नहीं आए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि ICMR-NIV पुणे ने कोरोनावायरस के मामले में यह पुष्टि की है।
भारत में अब तक 96 हवाई जहाजों में आए 20,844 यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग की गई है। अकेले शुक्रवार को 19 हवाई जहाजों में आए 4,082 लोगों की स्क्रीनिंग हुई। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश के कुल 19 हवाईअड्डों पर निगरानी की जा रही है।

दूसरी ओर संदिग्धों का लेकर मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के कार्यकारी स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पद्मजा केसकर ने बताया कि मुंबई के तीन और पुणे के 3 लोगों को संभावित रोगी माना गया था। विस्तृत जांच के बाद दो को संदिग्ध की श्रेणी में रखा गया है। उनमें हल्की खांसी, सर्दी और जुकाम जैसे लक्षण है।

चिंचपोकली स्थित बीएमसी के कस्तूरबा अस्पताल में कोरोनावायरस से उनके लिए अलग वार्ड बनाया गया है। देश के विभिन्न हवाईअड्डों पर डॉक्टरों की टीम तैनात की गई है, जो थर्मल इमेजिंग के जरिए अंतरराष्ट्रीय यात्रा करके लौटे और खासकर चीन से लौटे लोगों के शरीर के तापमान पर नजर रखकर संदिग्धों की पहचान में जुटे हैं।

मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर 19 जनवरी से अब तक 1,789 यात्रियों की जांच हुई है। इसी तरह हैदराबाद हवाईअड्डे पर भी 262 की स्क्रीनिंग हुई है।

कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए इंडिगो और एयर इंडिया चीन जाने या वहां से आने वाले यात्रियों से टिकट रद करवाने या यात्रा मार्ग में बदलाव करने का शुल्क नहीं लेगा। यह सुविधा 24 जनवरी से 24 फरवरी तक लागू रहेगी।

इंडिगो की चीन के लिए रोज दो सीधी उड़ानें हैं। जिनमें एक दिल्ली से चेंगदू और दूसरी कोलकाता से ग्वांगझोऊ के बीच है। वहीं, 15 मार्च से मुंबई से चेंगदू उड़ान शुरू होनी है। एयर इंडिया की चीन के लिए दिल्ली-शंघाई के बीच रोज एक उड़ान है।
हाल में चीन से लौटे केरल के 80 लोगों को प्रदेश ने निगरानी में रखा है। इनमें से सात के लक्षण कोरोना वायरस संक्रमण के लगने पर उन्हें अलग अलग जगह इलाज दिया जा रहा है। निगरानी में रखे लोगों को 28 दिन अपने घर में रहने और किसी से न मिलने के निर्देश दिए हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार मुंबई के दो और बंगलुरू व हैदराबाद के एक-एक संदिग्ध मरीज के सैंपल पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वाइरोलॉजी में जांच गए। किसी में भी चीन में फैले कोरोना वायरस की पुष्टि नहीं हुई है। एक मामले में राइनोवायरस की पुष्टि हुई है जो सामान्य सर्दी-खांसी की वजह बनता है।

दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बंगलुरु, हैदराबाद और कोचिंग हवाई अड्डों के बाद अब 12 और हवाई अड्डों पर भी थर्मल स्क्रीनिंग शुरू की गई है। इनमें लखनऊ, अमृतसर, वाराणसी, अहमदाबाद, कोयंबटूर, गुवाहाटी, गया, बगडोरा, जयपुर, त्रिवेंद्रम, त्रिची और वाइजैग शामिल हैं।
नेपाल के स्वास्थ्य मंत्रालय ने चीन के वुहान से लौटे एक छात्र के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की शुक्रवार शाम को पुष्टि की है। स्वास्थ्य आपातकालीन कार्य सम्पादन केंद्र के प्रमुख सागर दहाल के अनुसार नेपाल में कोरोना वाइरस का यह पहला मामला है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के समन्वय में पिछले मंगलवार को मरीज का सैम्पल डब्ल्यूएचओ के सेंटर में भेजा गया था।

चीन से वापस लौटने पर सांस लेने में दिक्कत होने के कारण छात्र का शुक्रराज ट्रपिकल इन्फेक्शन डिजीज हॉस्पिटल के आइसोलेशन वार्ड में रखकर उपचार किया जा रहा है। एपिडेमियोलॉजी एंड डिजीज कंट्रोल डिवीजन के अनुसार कोरोना वाइरस से संक्रमित छात्र के संपर्क में आए परिवार के लोगों और स्वास्थ्यकर्मियों की पहचान करके परीक्षण किया जा रहा है।

चीन की सरजमीं से फैले कोरोना वायरस से निपटने और लोगों की जान बचाने के लिए ब्रिटेन ने ‘इमरजेंसी कोबरा मीटिंग’ का एलान कर दिया। बैठक स्वास्थ्य सचिव मैट हैनकॉक ने ली जिसमें वायरस से बचाव, इलाज और लोगों को सतर्क करने के मुद्दे पर विस्तार से चर्चा हुई।

ब्रिटेन के स्वास्थ्य विभाग ने इस जानलेवा वायरस को हावी होते देख अपनी तीन रिसर्च टीम को प्रभावी वैक्सीन बनाने के लिए आदेश जारी कर दिया है ताकि इस वायरस को महामारी की तरह फैलने से रोका जा सके। ब्रिटेन के स्वास्थ्य विभाग की तैयारी है कि जून तक या जितनी जल्दी हो सके इस रोग से बचाव के लिए एक वैक्सीन (टीका) जरूर तैयार कर लिया जाए।

चीन के शहर वुहान से एक भयवाह सीसीटीवी वीडियो भी सामने आया है। इसमें साफ दिख रहा है कि लोग सड़कों, अस्पताल और दूसरी जगह पर चलते-चलते बेहोश होकर गिर रहे हैं। वुहान शहर को जोंबीलैंड भी कहा जाने लगा है। सड़कों पर बाजारों में इस हालात को देख लोगों ने घरों से निकलना बंद कर दिया है।

वुहान शहर चारों तरफ से सील हो चुका है, परिवहन व्यवस्था पूरी तरह से ठप है और लोग जहां-तहां फंसे हैं। वुहान में सड़कों पर डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की टीम तैनात कर दी है ताकि वायरस की चपेट में आकर या भय से बेहोश होकर गिरने वाले लोगों को इलाज मिल सके।

वुहान से पूरी दुनिया में दहशत फैला चुका कोरोना वायरस अबूझ पहेली बन चुका है। इससे पहले नवंबर 2002 से जुलाई 2003 तक सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (एसएआरएस) से दुनिया में दहशत फैली थी। एसएआरएस महामारी का पहला मामला चीन के फोशन शहर में सामने आया था।

इसमें कुल 8,098 मामले सामने आए जिसमें कुल 774 लोगों की मौत हुई थी। इसी को याद करते हुए इस बीमारी से लड़ने वाले और इसकी खोज करने वाले पल्मोनरी रोग विशेषज्ञ डॉ. झोंग ननशान कहते हैं कि इस रोग ने देश के लोगों की चिंता करने का संदेश दिया था।

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